प्रभु एक चोर के समान आएगा यह भविष्यवाणी ऐसे पूरी होती है

06.06.2020

प्रभु कैसे आएगा

अंत के समय में प्रभु कैसे आएगा इस बारे में बात करते हुए, कई भाई बहन बाइबल का उद्धरण देंगे: "और मनुष्य के पुत्र को बड़ी सामर्थ्य और ऐश्वर्य के साथ आकाश के बादलों पर आते देखेंगे" (मत्ती 24:30), और विश्वास करते हैं कि वह बादलों में आएगा अपने पुनर्जीवन के आध्यात्मिक शरीर में पूर्ण आभा के साथ। लेकिन अभी भी कुछ लोग हैं जो इस कथन के बारे में भ्रम में हैं क्योंकि प्रभु ने एक बार भविष्यवाणी की थी, "देख, मैं चोर के समान आता हूँ" (प्रकाशितवाक्य 16:15)। "यदि तू जागृत न रहेगा तो मैं चोर के समान आ जाऊँगा और तू कदापि न जान सकेगा, कि मैं किस घड़ी तुझ पर आ पड़ूँगा" (प्रकाशितवाक्य 3:3)। प्रभु ने स्पष्ट कहा था कि वह चोर के समान आएगा। तो अगर कहें, वह ऐसे समय आएगा जो लोगों के लिए अनजान होगा। यदि प्रभु बादलों मेँ आएगा, तो क्या हर कोई उसे देख नहीं पाएगा? अगर ऐसा होगा, तो प्रभु के चोर के समाने आने की भविष्यवाणी कैसे पूरी होगी? यह कई लोगों के लिए रहस्य है। अब, आइए इन समस्याओं पर हम एक सभा करेंगे।

प्रभु के चोर के समान आने की भविष्यवाणी कैसे पूरी होगी?

"मैं चोर के समान आता हूँ" का अर्थ है कि प्रभु के लौटने का सही समय कोई नहीं जानता है, और इसका यह भी अर्थ है कि प्रभु गुप्त रूप से मनुष्य के पुत्र के रूप में आएगा। बाइबल में कई स्थान हैं जो प्रभु के गुप्त रूप में आने की भविष्यवाणी करते हैं। उदाहरण के लिए, "तुम भी तैयार रहो; क्योंकि जिस घड़ी तुम सोचते भी नहीं, उस घड़ी मनुष्य का पुत्र आ जाएगा" (लूका 12:40)। "क्योंकि जैसे बिजली आकाश की एक छोर से कौंधकर आकाश की दूसरी छोर तक चमकती है, वैसे ही मनुष्य का पुत्र भी अपने दिन में प्रगट होगा। परन्तु पहले अवश्य है, कि वह बहुत दुःख उठाए, और इस युग के लोग उसे तुच्छ ठहराएँ" (लूका 17:24-25)। ये सभी भविष्यवाणियाँ दर्ज करती हैं "मनुष्य का पुत्र।" मनुष्य के पुत्र के बारे में कहने पर, इसका अर्थ है मनुष्य के पुत्र के रूप में जन्म लेना और साधार मनुष्य की तरह का जीवन। एक आध्यात्मिक शरीर मनुष्य का पुत्र नहीं कहलाएगा, बिल्कुल वैसे जैसे यहोवा परमेश्वर आत्मा है, फरिश्ते आत्माएँ हैं, और परमेश्वर के पुवर्जीवन के बाद प्रभु ईसा मसीह का आध्यात्यमिक शरीर भी आत्मा है। सभी आध्यात्मिक शरीरों को मनुष्य का पुत्र नहीं कहा जा सकता है। केवल देहधारी परमेश्वर, जो मनुष्य से जन्मा हो, जिसका एक पिता और माता हो, एक सामान्य मनुष्य हो, और लोगों के बीच रहता है, वही मनुष्य का पुत्र कहला सकता है। बिल्कुल प्रभु यीशु मसीह के जैसे जिनके माता-पिता थे, जो खाते थे, पीते थे, सोते और सामान्य की तरह चलते थे, वास्तविक रूप से लोगों के बीच रहे हैं। तो उनको मनुष्य का पुत्र कहा गया था। धर्म पुस्तकों में यह भी है कि "पहले अवश्य है, कि वह बहुत दुःख उठाए, और इस युग के लोग उसे तुच्छ ठहराएँ।" केवल जब परमेश्वर रहस्यमय तरीके से अपना काम करने के लिए देहधारण करता है वह दुःखों को सहता है। यदि प्रभु लोगों के सामने अपने पुनर्जीवित हुए आध्यत्मिक शरीर में बादलों में आएगा, तो कौन उसका विरोध और अनादर करने की हिम्मत करेगा? निश्चित तौर पर लोग उसके सामने झुकेंगे और उसकी आराधना करेंगे, और उसका तिरस्कार नहीं होगा या उसे दुःख नहीं मिलेंगे। ऐसा है जब प्रभुन यीशु पहली बार कार्य करने आये थे, यदि वह एक आध्यात्मिक शरीरी में आते, तो कोई उनका विरोध करने की हिम्मत ना करता। क्योंकि प्रभु यीशु मनुष्य के पुत्र के रूप में अपना कार्य करते दिखे, दिखने में बहुत साधारण और सामान्य थे, यहूदी मुख्य याजक, शास्त्री, और फरीसी उसे मसीह के तौर पर नहीं पहचान पाए और इसीलिए उसके साथ परमेश्वर जैसा व्यवहार नहीं किया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने और कड़ाई के साथ मान्यताओं और कल्पनाओं के अनुसार प्रभु का विरोध किया और उसका तिरस्कार किया। अंत में, उऩ लोगों ने प्रभु यीशु को सलीब पर चढ़ाने में रोमन सरकार का साथ दिया था। तो, जब धर्मशास्त्रों लिखा जाता है "मनुष्य का पुत्र" और "मनुष्य का पुत्र आता है," तो इसका मतलब है कि अंत के दिनों में प्रभु देहधारण करेगा। चूँकि प्रभु अपने को देहधारी होकर प्रकट करता है परमेश्वर का कार्य करने के लिए, साधारण और सामान्य दिखने से, लोग उस परमेश्वर के तौर पर पहचानने में समर्थ नहीं होते हैं, और इस प्रकार परमेश्वर का प्रकटन और कार्य लोगों से छिपे रहते हैं। इसलिए, इस अतिश्योक्ति का प्रोग करना पूरी तरह से उचित है "चोर के समान आता है।" अगर प्रभु सबके सामने बादलों में आया अपनी पुनर्जीवन के आध्यात्मिक शरीर में, हर कोई प्रभु को पहचान लेगा, और अतः ऐसे नहीं कहा जा सकता है "चोर के समान आता है।" इसे ऐसे देखा जा सकता है कि प्रभु देहधारण करके मनुष्य के पुत्र के तौर पर लोगों के लिए प्रकट हो रहा है इससे उसने प्रभु के गुप्त आगमन की भविष्यवाणी को पूरी तरह से पूरा किया।

प्रभु के बादलों में आने की भविष्यवाणी कैसे पूरी होगी?

कुछ लोग कह सकते हैं कि ये दोनों भविष्यवाणियों एक दूसरे की विरोधी हैं, क्योंकि एक प्रभु के देहधारण करके गुप्त आगमन की है, और दूसरी प्रभु के बादलों में आने के बारे में है। असल बात यह है, इन दोनों भविष्यवाणियों में की विरोध नहीं है, और केवल यह बात है कि वे एक दूसरे के बाद पूरी होंगी। दूसरे शब्दों में कहा जाए, प्रभु पहले गुप्त रूप से देहधारण करेगा, फिर सबके सामने बादलों में आएगा। परमेश्वर के कार्य के साथ यही होगा जिसे प्रभु अंतिम दिनों में केरगा। अब, चलिए बाइबल की पंक्तियों को देखते हैं।

प्रभु यीशु ने कहा, "मुझे तुम से और भी बहुत सी बातें कहनी हैं, परन्तु अभी तुम उन्हें सह नहीं सकते। परन्तु जब वह अर्थात् सत्य का आत्मा आएगा, तो तुम्हें सब सत्य का मार्ग बताएगा, क्योंकि वह अपनी ओर से न कहेगा, परन्तु जो कुछ सुनेगा, वही कहेगा, और आनेवाली बातें तुम्हें बताएगा" (यूहन्ना 16:12-13)। "जो मुझे तुच्छ जानता है और मेरी बातें ग्रहण नहीं करता है उसको दोषी ठहरानेवाला तो एक है: अर्थात् जो वचन मैंने कहा है, वह अन्तिम दिन में उसे दोषी ठहराएगा" (यूहन्ना 12:48)। साथ ही, 1 पीटर 4:17 कहता है, "क्योंकि वह समय आ पहुँचा है, कि पहले परमेश्‍वर के लोगों का न्याय किया जाए।" यूहन्ना 17:17 कहता है, "सत्य के द्वारा उन्हें पवित्र कर: तेरा वचन सत्य है।"

हम इन भविष्यवाणियों से देख सकते हैं कि जब प्रभु अपने अंत के दिनों में आएगा, तो वह कई सत्यों को कहेगा और हमें वह सब बताएगा जिसे हम पहले समझ नहीं पाए थे, और प्रभु न्याय का कार्य करेगा जो परमेश्वर के घर से शुरू होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि भले ही व्यवस्था को तोड़ने के हमारे पाप को माफ़ कर दिया गया हो, प्रभु ने हमारी शैतानी प्रकृति को क्षमा नहीं किया है और हमारे शैतानी स्वभाव ने जैसे कि घमंड, दंभ, स्वार्थ, और अनैतिकता ने अभी भी हमारे अंदर गहरी जड़ें जमा रखी हैं और वे अनचाहे ही हमें पाप करने के लिए नियंत्रित करते हैं। उदाहरण के लिए, हम हमारे जीवन सब कुछ अपने मन का चाहते हैं। जब कुछ हमारी इच्छा के विपरीत होता है, हमें क्रोध आएगा। हम अपने निजी स्वार्थ की रक्षा करने के लिए झूठ बोलते और धोखा भी देसकते हैं।जब कोई मुसीबत आती है, तो हम दूसरे को दोष देते हैं और परमेश्वर से भी विश्वासघात करते हैं। यह दिखाता है कि अभी भी हम पाप के बंधनों से मुक्त नहीं हैं। लेकिन हम पाप के बंधनों से स्वंय ही मुक्त नहीं हो सकते, और इससे केवल परमेश्वर ही हमें बचा सकता है। परमेश्वर सच्चा है। चूँकि परमेश्वर हमें बचाना चाहता है, वह इसे पूरी तरह से करेगा। इसलिए, जब प्रभु आएगा, तो वह देहधारण करके गुप्त रूप से आएगा, और वह व्यवहारिक बातें बोलेगा, और प्रभु यीशु के छुटकारे के कार्य के आधार पर एक चरण का पापों से मुक्ति का कार्य करेगा जिससे कि हमारे पाप साफ़ हो सकें और हम वे लोग बन सकें जो आदेश मानें, आराधना करें, और परमेश्वर के योग्य बन सकें। परमेश्वर के देहधारण के गुप्त कार्य के दौरान, बुद्धिमान कुंवारियाँ परमेश्वर की आवाज़ को पहचानेंगी और परमेश्वर के सिंहासन के पास वापस लौट आएँगीं। यह प्रभु यीशु की भविष्यवाणियों को पूरा करेगा: "आधी रात को धूम मची, कि देखो, दूल्हा आ रहा है, उससे भेंट करने के लिये चलो" (मत्ती 25:6)। "देख, मैं द्वार पर खड़ा हुआ खटखटाता हूँ; यदि कोई मेरा शब्द सुनकर द्वार खोलेगा, तो मैं उसके पास भीतर आकर उसके साथ भोजन करूँगा, और वह मेरे साथ" (प्रकाशितवाक्य 3:20)। वे परमेश्वर के न्याय के कार्य को स्वीकार करती हैं और इस प्रकार उनके भ्रष्ट स्वभाव साफ़ होते और बदल जाते हैं। हालाँकि, वे मूर्ख कुंवारियाँ परमेश्वर की आवाज़ को नहीं सुनती हैं, परमेश्वर के कार्य को नहीं जाँचती हैं, और यहाँ तक कि अंत के दिनों में परमेश्वर की आलोचना और उसके न्याय के कार्य का तिरस्कार करती हैं। वे उनमें से हैं जो यीशु को अस्वीकार करते हैं और जिनका परमेश्वर के कार्य में खुलासा और निष्कासन होगा। इसी तरह से गेंहूँ और भूसे को, भेड़ और बकरी को अलग-अलग किया जाता है, जैसा कि प्रभु यीशु की भविष्यवाणी में कहा गया है। जब वे जो परमेश्वर के न्याय के कार्य को स्वीकार करते हैं और विजेता बनाए जाते हैं, तब परमेश्वर का देहधारण का गुप्त कार्य अंत हो जाएगा, और उसके बाद परमेश्वर सबके सामने बादलों के साथ प्रकट होगा, आपदा भेजेगा, अच्छों को पुरस्कार और दुष्टों को सजा देगा। जब वे जो परमेश्वर की निंदा और तिरस्कार करते हैं, देखेंगेकि जिसका उन लोगों ने विरोध किया है वह प्रभु यीशु के तौर पर लौटा है, तो वे रोएँगे और अपने दांतों को किटकिटाएँ और अपनी छातियाँ पीटेंगे। यह प्रभु के सबके सामने बादलों में आने की भविष्यवाणियों को पूरा करेगा: "तब मनुष्य के पुत्र का चिन्ह आकाश में दिखाई देगा, और तब पृथ्वी के सब कुलों के लोग छाती पीटेंगे; और मनुष्य के पुत्र को बड़ी सामर्थ्य और ऐश्वर्य के साथ आकाश के बादलों पर आते देखेंगे" (मत्ती 24:30)। "देखो, वह बादलों के साथ आनेवाला है; और हर एक आँख उसे देखेगी, वरन् जिन्होंने उसे बेधा था, वे भी उसे देखेंगे, और पृथ्वी के सारे कुल उसके कारण छाती पीटेंगे" (प्रकाशितवाक्य 1:7)।

प्रभु के दूसरी बार आने का स्वागत कैसे करें

इस समय, मेरा विश्वास है कि तुम्हें समझ लेना चाहिए कि "प्रभु का चोर के समान आना" और "बादलों में आना" की भविष्यवाणियाँ कैसे पूरी होंगी। तो, हमें प्रभु के वापस आने का स्वागत कैसे करना चाहिए? अभी हमने यह सहभागिता की थी कि प्रभु गुप्त रूप से देहधारण करके आएगा सत्य बताने और परमेश्वर के घर से आरंभ करके न्याय का कार्य करने के लिए। तो, जब प्रभु आएगा, तो वह निश्चित तौर पर अपने वचनों को कहेगा। अगर हम परमेश्वर की आवाज़ को सुनें और अंत के दिनों में परमेश्वर के नए कार्य को स्वीकार करें, तो इसका अर्थ होता है कि हमने प्रभु की वापसी का स्वागत किया है। प्रभु यीशु ने हमसे कहा था, "धन्य हैं वे, जो मन के दीन हैं, क्योंकि स्वर्ग का राज्य उन्हीं का है" (मत्ती 5:3)। तो, हमें प्रभु की शिक्षाओं का पालन करना होगा। जब हम किसी को सुनते हैं जो गवाही देता है कि प्रभु आ चुका है, तो हमें एक नम्र खोज भरे दिल से यह देखना चाहिए कि क्या उनकी राह पर सत्य है और क्या वहाँ परमेश्वर की आवाज़ है। जब हम निश्चित हो जाएँ कि यह परमेश्वर की आवाज़ है, तो हमें तुरंत की सच्ची राह स्वीकार कर लेनी चाहिए। केवल इसी तरह से हम प्रभु की वापसी का स्वागत कर सकते हैं और प्रभु के साथ भोज कर सकते हैं। जैसा प्रभु यीशु ने कहा था, "देख, मैं द्वार पर खड़ा हुआ खटखटाता हूँ; यदि कोई मेरा शब्द सुनकर द्वार खोलेगा, तो मैं उसके पास भीतर आकर उसके साथ भोजन करूँगा, और वह मेरे साथ" (प्रकाशितवाक्य 3:20)। 

स्रोत: यीशु मसीह का अनुसरण करते हुए

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