भ्रष्ट मानवता को आवश्यकता है परमेश्वर द्वारा उद्धार की
परमेश्वर से प्रार्थना कैसे करें, से संबंधित बाइबल के 10 पद
सच्ची प्रार्थना हमारे अध्यात्मिक जीवन का अनिवार्य हिस्सा है, जो हमें जीवन में परमेश्वर का मार्गदर्शन पाने और उनके करीब महसूस होने देता है। हालाँकि, बहुत से मामलों में, हम परमेश्वर से प्रार्थना तो करते हैं पर उनसे कोई जवाब नहीं पाते या प्रभु की मौजूदगी का एहसास नहीं कर पाते। जैसे जैसे समय बीतता है, प्रार्थना से हमारा भरोसा भी उठ जाता है। इसका कारण क्या है? बाइबल से प्रार्थना के चुने हुए निम्न10 पद और कुछ संबंधित लेख, आपको बतायेंगे कि ऐसी प्रार्थना कैसे करें जो परमेश्वर द्वारा सुनी जाये, ये हर दिन मसीह के साथ चलने में आपका उत्साह बढ़ाएंगे और प्रार्थना की शक्ति का अनुभव करने में आपकी मदद करेंगे।

"और मैं तुम से कहता हूँ; कि माँगो, तो तुम्हें दिया जाएगा; ढूँढ़ो तो तुम पाओगे; खटखटाओ, तो तुम्हारे लिये खोला जाएगा" (लूका 11:9)।
"परमेश्वर आत्मा है, और अवश्य है कि उसकी आराधना करनेवाले आत्मा और सच्चाई से आराधना करें" (यूहन्ना 4:24)।
"फिर मैं तुम से कहता हूँ, यदि तुम में से दो जन पृथ्वी पर किसी बात के लिये जिसे वे माँगें, एक मन के हों, तो वह मेरे पिता की ओर से जो स्वर्ग में है उनके लिये हो जाएगी" (मत्ती 18:19)।
"और जब तू प्रार्थना करे, तो कपटियों के समान न हो क्योंकि लोगों को दिखाने के लिये आराधनालयों में और सड़कों के चौराहों पर खड़े होकर प्रार्थना करना उनको अच्छा लगता है। मैं तुम से सच कहता हूँ, कि वे अपना प्रतिफल पा चुके" (मत्ती 6:5)।
"परन्तु जब तू प्रार्थना करे, तो अपनी कोठरी में जा; और द्वार बन्द कर के अपने पिता से जो गुप्त में है प्रार्थना कर; और तब तेरा पिता जो गुप्त में देखता है, तुझे प्रतिफल देगा" (मत्ती 6:6)।
"प्रार्थना करते समय अन्यजातियों के समान बक-बक न करो; क्योंकि वे समझते हैं कि उनके बार-बार बोलने से उनकी सुनी जाएगी" (मत्ती 6:7)।
"इसलिए तुम आपस में एक दूसरे के सामने अपने-अपने पापों को मान लो; और एक दूसरे के लिये प्रार्थना करो, जिससे चंगे हो जाओ; धर्मी जन की प्रार्थना के प्रभाव से बहुत कुछ हो सकता है" (याकूब 5:16)।
"किसी भी बात की चिन्ता मत करो; परन्तु हर एक बात में तुम्हारे निवेदन, प्रार्थना और विनती के द्वारा धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सम्मुख उपस्थित किए जाएँ" (फिलिप्पियों 4:6)।
"इसलिए मैं तुम से कहता हूँ, कि जो कुछ तुम प्रार्थना करके माँगो तो विश्वास कर लो कि तुम्हें मिल गया, और तुम्हारे लिये हो जाएगा" (मरकुस 11:24)।
"जागते और प्रार्थना करते रहो कि तुम परीक्षा में न पड़ो। आत्मा तो तैयार है, पर शरीर दुर्बल है" (मरकुस 14:38)।
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स्रोत: यीशु मसीह का अनुसरण करते हुए
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"मन फिराओ क्योंकि स्वर्ग का राज्य निकट आया है" (मत्ती 4:17)।
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प्रकाशितवाक्य 1
1यीशु मसीह का प्रकाशितवाक्य, जो उसे परमेश्वर ने इसलिए दिया कि अपने दासों को वे बातें, जिनका शीघ्र होना अवश्य है, दिखाए: और उसने अपने स्वर्गदूत को भेजकर उसके द्वारा अपने दास यूहन्ना को बताया, (प्रका. 22:6)
परमेश्वर हव्वा को बनाता है
उत्पत्ति 2:18-20 फिर यहोवा परमेश्वर ने कहा, "आदम का अकेला रहना अच्छा नहीं; मैं उसके लिये एक ऐसा सहायक बनाऊँगा जो उस से मेल खाए।" और यहोवा परमेश्वर भूमि में से सब जाति के बनैले पशुओं, और आकाश के सब भाँति के पक्षियों को रचकर आदम के पास ले आया कि देखे कि वह उनका क्या क्या नाम रखता है;...
बाइबल वचन फोटो - मत्ती 7:21
प्रभु यीशु ने कहा था, "जो मुझसे, 'हे प्रभु, हे प्रभु' कहता है, उनमें से हर एक स्वर्ग के राज्य में प्रवेश न करेगा, परन्तु वही जो मेरे स्वर्गीय पिता की इच्छा पर चलता है" (मत्ती 7:21)।
मसीह के वचन। उद्धारकर्त्ता पहले ही एक "सफेद बादल" पर सवार होकर वापस आ चुका है
कई हज़ार सालों से, मनुष्य ने उद्धारकर्त्ता के आगमन को देखने में सक्षम होने की लालसा की है। मनुष्य ने उद्धारकर्त्ता यीशु को देखने की इच्छा की है जब वह एक सफेद बादल पर सवार होकर स्वयं उन लोगों के बीच उतरता है...